क्या कहा ? शुगर यानि डायबीटीज हॆ. तो भई! रसगुल्ले तो आप खाने से रहे.मॆडम! आपकी तबियत भी कुछ ठीक नहीं लग रही. क्या कहा, ब्लड-प्रॆशर हॆ. तो आपकी दूध-मलाई भी गयी.सभी के सेवन हेतु, हम ले कर आये हॆं-हास्य-व्यंग्य की चाशनी में डूबे,हसगुल्ले.न कोई दुष्प्रभाव(अरे!वही अंग्रेजी वाला साईड-इफॆक्ट)ऒर न ही कोई परहेज.नित्य-प्रति प्रेम-भाव से सेवन करें,अवश्य लाभ होगा.इससे हुए स्वास्थ्य-लाभ से हमें भी अवगत करवायें.अच्छा-लवस्कार !

04 मई 2020

मुख्यमंत्री के नाम बेवड़े का खुला पत्र!

मुख्यमंत्री के नाम
एक देशभक्त बेवड़े का  खुला पत्र!

माननीय मुख्यमंत्री जी,
जयहिन्द!

पूरे 37 दिन के लॉक डाउन के बाद,कल रात जब आपने टी. वी. पर घोषणा की,कि सोमवार से सभी दारू के ठेके खुल जायेंगे,तो कसम पव्वे की,मारे खुशी के सारी रात सो नहीं सका।मैंने मन ही मन आपके साथ- साथ माननीय प्रधानमंत्री जी का भी धन्यवाद दिया,जिन्होंने बिना किसी भेदभाव के,ग्रीन,ऑरेंज और रेड ज़ोन में रह रहे  हम सभी पियक्कड़ों का ध्यान रखा।ऐसी बात नहीं कि इतने दिन मैं पूरी तरह से सूफ़ी बना रहा।बोतल न सही,कहीं न कहीं से आधे-पव्वे का जुगाड़ तो कर ही लेता था।
कल जब आपने कहा-कि सरकार की तिजोरी  लगभग खाली हो चुकी है।एक-दो महीने बाद,सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे आपके पास नहीं बचेंगे।जो बेचारे सरकारी कर्मचारी, अपनी जान की परवाह न करके,इस संकट की घड़ी में, दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं,उन्हें समय पर तनख्वाह भी न मिले!यह तो बड़े शर्म की बात है! उसी समय मुझे लगा कि  देश के लिए मुझे भी कुछ करना चाहिए।इसी देशभक्ति की भवना से प्रेरित होकर, मैंने आज पूरी एक पेटी दारू खरीदने का प्रोग्राम बनाया था।सोचा था मेरे इस अर्थिक सहयोग से,सरकार के ख़ज़ाने में कुछ तो इज़ाफा होगा।बेचारे सरकारी कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह मिलेगी।उनके बच्चे मुझे दुआ देंगें।
सच मानना भाई साहब! बिना कुछ खाये-पिये सुबह सुबह ही लाईन में लग गया था।मेरे जैसे कई देशभक्त पहले ही लाईन में लगे थे।कुछ मेरे बाद भी आये,इसलिए लाईन थोड़ी लंबी हो गयी।लोगों में देशभक्ति का जज़्बा इतना ज्यादा था कि सोशल डिस्टेंस वाले नियम तक को भूल गये।धक्का मुक्की शुरू हो गयी।बेचारे पुलिस वालों ने समझाया भी बहुत,लेकिन इन देशभक्तों ने उनकी एक न मानी।फिर क्या था-पुलिस वालों ने डंडे से,हम देशभक्तों की खूब सेवा की।ठेका भी बंद करवा दिया।
देशभक्ति की जिस भावना से  हम गये थे,उसे न तो पुलिस वाले समझ पाये और न आप!

आपका शुभचिंतक
एक देशभक्त बेवड़ा!