क्या कहा ? शुगर यानि डायबीटीज हॆ. तो भई! रसगुल्ले तो आप खाने से रहे.मॆडम! आपकी तबियत भी कुछ ठीक नहीं लग रही. क्या कहा, ब्लड-प्रॆशर हॆ. तो आपकी दूध-मलाई भी गयी.सभी के सेवन हेतु, हम ले कर आये हॆं-हास्य-व्यंग्य की चाशनी में डूबे,हसगुल्ले.न कोई दुष्प्रभाव(अरे!वही अंग्रेजी वाला साईड-इफॆक्ट)ऒर न ही कोई परहेज.नित्य-प्रति प्रेम-भाव से सेवन करें,अवश्य लाभ होगा.इससे हुए स्वास्थ्य-लाभ से हमें भी अवगत करवायें.अच्छा-लवस्कार !

02 नवंबर 2007

वकील साहब ऒर उनका बेटा

हमारे पडॊसी शर्मा जी,माने हुए वकील हॆ.जितने समझदार वो खुद हॆं,उनसे भी ज्यादा समझदार हॆ उनका बेटा.अभी कल की ही बात हॆ.शर्मा जी अपने बेटे को समझा रहे थे-"देखो बेटे,हमारा पेशा ऎसा हॆ,यदि एक-दम सच बोलेगें,तो भूखे मर जायेंगे, हरिश्चन्द्र बनने से काम नहीं चलेगा.समझ गये न!"
"जी, पिताजी." बेटे ने जवाब दिया.
"अच्छा तो अब, एक झूठ बोलकर दिखा, मॆं तुझे 500 रुपये इनाम में दूंगा."
बेटे ने तपाक से जवाब दिया-" रहने दो पिताजी! अभी तो 1000 रुपये कह रहे थे."
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2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

हा हा!!! बड़ा होनहार बालक है..बहुत बड़ा वकील बनेगा एक दिन.

बालकिशन ने कहा…

वाह भाई वाह. मज़ा आ गया.